मंगलवार, 16 जनवरी 2024

श्री अयोध्या राम मंदिर प्रतिष्ठा के लिए शिवशंकर श्रीवास्तव की विशेष कविताएं....

कविता "राम राम"

 

जिनके पास
रति भर कपट नहीं,
सारे जन्म जन्मांतर
के कपट त्यागने वाले,
सृष्टि के जीवात्मा को प्रणाम
करने वाले "राम" है! ।1 

 

जिनके पास
छल, कपट, भेद नहीं,
आज्ञा सूचक पुराणों के ज्ञाता,
सबका कल्याण करने वाले,
रघुकुल के "राम" है! ।2

 

राजाओं में श्रेष्ठ "राजा"
अतुलनीय देव "विधाता"
जन्म से मृत्यु तक "राम" है! ।3

 

तुम्हारे साथ
मित्र-शत्रु, नाते नहीं जाएंगे,
द्वेष मत करना  मेरा "राम राम"
"राम" से अभिमान करने वाले,
"राम" का शान भी श्मशान है! ।4
~शिवशंकर श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़