शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

सम्पादकीय-लेखकों का विरोध नहीं है,अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए ।

शिवशंकर श्रीवास्तव 
हमारा भारत धर्म निरपेक्ष देश है, सभी विदित है सभी धर्मों का समान दर्जा प्राप्त है, देश के नामचीन लेखकों को मिलने वाला उत्कृष्ट ससम्मान साहित्य अकादमी आवार्ड एवं पदम श्री आवार्ड को वापस करना कोई छोटी मोटी बात नहीं है। देश के लिए बहुत बड़ी बात है हाल ही में घटित हुई दादरी कांड को लेकर राजनीति में भी उथल-पुथल हो गई है। क्या समुदाय सुरक्षित है? देश में शांति और स्वभाव का परचम लहरायेगा ये समय की बात है लेकिन लोगों के साथ-साथ देश के लेखकों ने विरोध नहीं किया बल्कि देश को ये बताने की कोशिश की इस प्रकार की कृत्य के लिए कौन जिम्मेदार है ? इसके पूर्व भी देश के कई नामचीन लेखकों ने अपने सम्मान को वापस कर दिया। दादरी काण्ड और कलबुर्गी हत्या काण्ड को लेकर देश के नामचीन लेखक भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए ससम्मान को वापस लौटा रहे हैं या फिर अन्य कारण से अब देश के लेखक एक मंच पर है, समाज और देश को दिशा देने वाले लेखकों का क्या लोकतंत्र पर असर पड़ेगा ? इस पर विचार किया जाना लाजिमी होगा। अपने-अपने विधा पर माहरत हासिल लेखकों ने पुरस्कार का विरोध नहीं किया बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी मांगी है और भारत देश में अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए । 

रविवार, 13 सितंबर 2015

सोमवार, 10 अगस्त 2015

बस्तर के वरिष्ठ अनुवादक साहित्यकार रामसिंह ठाकुर

शिवशंकर श्रीवास्तव
छत्तीसगढ़ प्रदेश के रामसिंह ठाकुर का जन्म 03 जुलाई 1931 को ब्रिटिश राज्य जगदलपुर में हुआ था। इन्होंने श्री रामचरित मानस का हल्बी बोली (बस्तर क्षेत्र की स्थानीय बोली) में अनुवाद किया है। बस्तर के वरिष्ठ अनुवादक व साहित्यकार रामसिंह ठाकुर से सौजन्य मिलने पहुंचा। मैंने परिचय दिया, स्वास्थ्य के बारे में हालचाल पूछा। फिर बातचीत बस्तर के बारे में हुई। बस्तर की कला संस्कृति के छायाकार, पत्रकार, वक्ता भी रहे हैं। इनके लोक बोली के गीत आकाशवाणी केन्द्र से निरन्तर प्रसारित होते हैं। बस्तर माटी सरस्वती पुत्र रामसिंह ठाकुर अबूझमाड़ की धरा में रहकर आदिवासियों को प्रेरित किया है। बस्तर क्षेत्र नहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए गौरव है।

शनिवार, 18 जुलाई 2015

रायपुर साहित्य महोत्सव

शिवशंकर श्रीवास्तव
रायपुर साहित्य महोत्सव में जाने माने विख्यात रचनाकार स्व. श्री नारायणलाल परमार के सुपुञ श्री निकष परमार के साथ इस तरह मुलाकात कुछ पल यह भी रहा.. श्री सौरभ शर्मा, श्री परमजीत सिंह, श्री उपेन्द्रनाथ .ञिपाठी, श्री शिवशंकर श्रीवास्तव 
फोटो श्री सुनील चौधरी