सोमवार, 10 अगस्त 2015

बस्तर के वरिष्ठ अनुवादक साहित्यकार रामसिंह ठाकुर

शिवशंकर श्रीवास्तव
छत्तीसगढ़ प्रदेश के रामसिंह ठाकुर का जन्म 03 जुलाई 1931 को ब्रिटिश राज्य जगदलपुर में हुआ था। इन्होंने श्री रामचरित मानस का हल्बी बोली (बस्तर क्षेत्र की स्थानीय बोली) में अनुवाद किया है। बस्तर के वरिष्ठ अनुवादक व साहित्यकार रामसिंह ठाकुर से सौजन्य मिलने पहुंचा। मैंने परिचय दिया, स्वास्थ्य के बारे में हालचाल पूछा। फिर बातचीत बस्तर के बारे में हुई। बस्तर की कला संस्कृति के छायाकार, पत्रकार, वक्ता भी रहे हैं। इनके लोक बोली के गीत आकाशवाणी केन्द्र से निरन्तर प्रसारित होते हैं। बस्तर माटी सरस्वती पुत्र रामसिंह ठाकुर अबूझमाड़ की धरा में रहकर आदिवासियों को प्रेरित किया है। बस्तर क्षेत्र नहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए गौरव है।