कविता "राम राम"
जिनके पास
रति भर कपट नहीं,
के कपट त्यागने वाले,
करने वाले "राम" है! ।1।
जिनके पास
छल, कपट, भेद नहीं,
आज्ञा सूचक पुराणों के ज्ञाता,
सबका कल्याण करने वाले,
रघुकुल के "राम" है! ।2।
छल, कपट, भेद नहीं,
राजाओं में श्रेष्ठ "राजा"
अतुलनीय देव "विधाता"
जन्म से मृत्यु तक "राम" है! ।3।
अतुलनीय देव "विधाता"
जन्म से मृत्यु तक "राम" है! ।3।
तुम्हारे साथ
मित्र-शत्रु, नाते नहीं जाएंगे,
द्वेष मत करना मेरा "राम
राम"
"राम" से अभिमान करने वाले,
"राम" का शान भी श्मशान है! ।4।
~शिवशंकर श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़
मित्र-शत्रु, नाते नहीं जाएंगे,
"राम" का शान भी श्मशान है! ।4।
~शिवशंकर श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़